बाड़मेर। श्री क्षत्रिय युवक संघ के संस्थापक तनसिंह रामदेरिया की 101 वीं जयंती व स्मारक लोकार्पण समारोह विधिवत सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का ध्वजारोहण संघ प्रमुख लक्ष्मण सिंह बैण्याकाबास ने किया और स्मारक का लोकार्पण संरक्षक भगवान सिंह रोलसाहबसर, महावीर सिंह सरवड़ी , संघ प्रमुख लक्ष्मण सिंह बैण्याकाबास व तनसिंह के परिवार के सदस्यों सहित सभी ने विधिवत पूजा अर्चना कर पुष्पांजलि दी ।
प्रथम दृष्टया कार्यक्रम की शुरुआत हवन से की गई। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ राजेंद्र सिंह भियाड़ द्वितीय द्वारा हवन करवाया गया जिसमें मातृ शक्ति ने हवन सामग्री की आहुतियां दी। राम सिंह माडपुरा द्वारा “क्षत्रिय कुल में प्रभु जन्म दिया” प्रार्थना करवाई गई।
समारोह को संबोधित करते हुए संघ के संरक्षक भगवान सिंह रोलसाहबसर ने अपने उद्बोधन में कहा कि तन सिंह की प्रेरणा से बहुत ही कम समय में यह कार्यक्रम हुआ, हर युग में भगवान का अवतार होता आया है हमारे लिए तन सिंह एक अवतार के रूप में आए, अवतारी पुरुष सज्जन पुरुषों का रक्षण करते है और दुष्ट जनों का नाश करते है, हमे अपने भीतर बैठे दुष्ट को पहचान कर उसका नाश करना है ।
आज असंतोष का युग है, हर कोई इससे त्रस्त है, कहीं कोई सुखी नहीं है ऐसे समय में लोग सुख को बाहर ढूंढने का प्रयास करते है जबकि जो अपने अंदर देखना शुरू कर दे तो सुख स्वयं के भीतर ही है। सुख को कहां खोज रहे हो! सुख को अपने भीतर खोजो सब धर्मों का पालन इसी में है।
पूज्य तनसिंह के स्मारक से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना ही जीवन है, प्रपंचों में नहीं पड़ना है। हमें तन सिंह जी के स्मारक से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है, जिस चीजों से हम बंधे हुए है उनको छोड़ने की आवश्यकता है, घर परिवार, पद- प्रतिष्ठा, पैसा, व्यापार इस सबमें हम लिप्त हो चुके है, माया ने हमे जकड़ रखा है, इन सबसे बहार निकले बगैर सुख मिलना संभव नहीं है, सुख चाहते तो इन प्रपंचों में नहीं पड़ना है, इस बात का ख्याल रहे। तन सिंह जी के जीवन से प्रेरणा लेते हुए जो अच्छा लगे उस नाम का जप करें ईषोपासना से ही कल्याण संभव है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख लक्ष्मण सिंह बैण्याकाबास ने कहा कि तन सिंह की महिमा का बखान करना सूर्य को दीपक दिखाने जैसा काम है, श्री क्षत्रिय युवक संघ की दिव्यता तन सिंह की दिव्यता है। जब महापुरुष संसार में आते है तो अव्यवस्था को ठीक करते हुए एक ऐसा मार्ग दिखा देते है जो हजारों वर्षों तक हमें उस मार्ग पर चलने को प्रेरित करते है।
एक सामान्य आदमी अपने जीवन में एक ही कार्य कर सकता है परन्तु तन सिंह ने अपने जीवन में राजनीति, लेखन, वकालत, व्यवसाय, खेती, कवि, ज्योतिष विद्या, आध्यात्मिक जीवन ऐसे तमाम कार्यों में महारथ हासिल की, इससे ये सिद्ध होता है कि वो निःसंदेह महापुरुष ही थे।
उन्होंने श्री क्षत्रिय युवक संघ की स्थापना की, एक ऐसे मार्ग की स्थापना की जो हाड़ी रानी, महाराणा प्रताप, दुर्गादास सरीखे वीरों को अभ्यास द्वारा बनाने के मार्ग की स्थापना की।
वरिष्ठ स्वयंसेवक महावीर सिंह सरवड़ी ने तन सिंह और संघ पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम भले ही आज मूर्ति का लोकार्पण करें परंतु तन सिंह हम सभी के हृदय में विराजमान है, उनकी ऐसी प्रेरणा से आज देश के कौने कौने से स्वयं सेवक हजारों की संख्या में उपस्थित हुए है।
पोकरण विधायक महंत प्रताप पूरी ने कहा कि मैं कौन हूं इस प्रश्न का आध्यात्मिक स्वरूप तन सिंह ने अपने जीवनकाल में प्रस्तुत किया। जिस प्रकार अर्जुन को भगवान श्री कृष्ण ने अपने स्वरूप से साक्षात्कार करवाया ठीक उसी प्रकार हमें भी तन सिंह ने कर्तव्य बोध का ज्ञान करवाया। अगर हम भूलवश कर्तव्य बोध का पालन नहीं करते है तो पाप के भागी बनेंगे और जानबूझ कर ऐसा नहीं करेंगे तो महापापी कहलाएंगे।
सत्संग, चिंतन स्वाध्याय से ही कर्तव्य बोध का सहजता से पालन किया जा सकता है।
तन सिंह की सुपुत्री जागृति बा ने महिला शक्ति और संघ पर बात रखते हुए कहा कि संघ में महिलाओं को 1995 से जोड़ा गया। समाज में रूढ़िवादी सोच से आगे बढ़ते हुए माता निर्माता होती है इस बात को मानते हुए बालिकाओं को संघ के शिविरों में भेजना शुरू किया ।
बालिका शिविर, दंपति शिविर, शाखाओं आदि माध्यमों से मातृशक्ति भी परिवार रूपी रथ को आगे बढ़ाने में सहयोगी बन रहे हैं।
कार्यक्रम में सम्मिलित सभी ने तन सिंह को पुष्पांजलि अर्पित की व केसरिया ध्वज को प्रणाम किया।
इस अवसर पर बाड़मेर विधायक प्रियंका चौधरी ने आश्रम विकास के लिए 20 लाख रुपए की घोषणा की।
तनसिंह की 101 वीं जयंती के मौके पर पोकरण विधायक महंत प्रताप पूरी, बाड़मेर विधायक प्रियंका चौधरी, शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी, स्वरूप सिंह खारा सहित गणमान्य लोग एवं हजारों की संख्या में स्वयं सेवक, मातृ शक्ति, समाज बंधु शामिल हुए।
