INB एजेंसी, रिपोर्ट। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉक्टर जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि सरकार ने पिछले 10 वर्ष में कचरे से संपदा बनाने की नयी व्यवस्था तैयार की है। उन्होंने आज नई दिल्ली में सुशासन की परिपाटियों पर राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्धाटन के अवसर पर यह बात कही। श्री सिंह ने कुर्सी और कम्प्यूटरों जैसी पुरानी वस्तुओं के पर्यावरणीय दुष्प्रभाव पर विचार करते हुए भौतिक फाइले कम करने और शासन में सुधारों पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सुशासन की परिपाटियों का व्यापक प्रसार सुनिश्चित करने के लिए निचले स्तर तक स्वच्छता अभियान का विस्तार करने की आवश्यकता है। डॉक्टर सिंह ने कहा कि कचरे को संसाधन समझने की परिकल्पना गाय के गोबर और फेंके गये प्लास्टिक सहित विभिन्न प्रकार के कचरे से संपदा बनाने के प्रयासों पर बल देती है।

डॉक्टर सिंह ने स्कूलों में स्वच्छ शौचालय सुनिश्चित करने जैसे मुद्दों के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में यह समस्या दूर की गई है। उन्होंने कहा कि सी एस आई, जैव प्रौद्योगिकी और तकनीकी संस्थाओं सहित विभिन्न विभागों और संस्थानों का एकीकरण आगे बढ़ने के लिए सहायक होगा।