बालोतरा। भारतमाला एक्सप्रेस-वे (जामनगर-अमृतसर) पर कल शाम को दो कारोबारी विरमाराम (चाचा) व जोगाराम (भतीजा) को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। हादसे में स्कूटी सवार चाचा-भतीजा दोनों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि दोनों बालोतरा के जसोल में रिश्तेदारों के यहां गृह प्रवेश कार्यक्रम में शामिल होकर वापस घर लौट रहे थे। दुर्घटना शुक्रवार रात करीब 9:15 बजे की है बालोतरा के जसोल से रवाना होकर मूठली टोल से भारतमाला एक्सप्रेस-वे पर चढ़े थे इससे थोड़े आगे बालियाना की सरहद में दुर्घटना हो गई। पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने में लगी हुई है।
स्थानीय लोगों ने दोषी वाहन चालक को जल्द पकड़ने की मांग की है।
हेडलाइन्स
- पादरू में दिनभर रहा शोक का गमगीन माहौल
- इंतजार करते रहे लोग शाम 5 बजे देह पंचतत्व में विलीन
- चाचा-भतीजा पादरू श्रीयादे माता ट्रस्ट में थे कार्यकारी सदस्य
- प्रसिद्ध बाबा रामदेव मेला पंऊ में भी दिखा मेले का फिका रंग

पादरू में दिनभर रहा शोक का गमगीन माहौल
विरमा राम प्रजापत (चाचा) कस्बे में छोटी किराणा की दुकान चलाते थे वहीं जोगा राम प्रजापत (भतीजा) टेलर (कपड़े सिलाई) का काम करते थे।
दोनों का गांव में मिलनसार व हंसमुख व्यवहार होने के साथ कम उम्र में सड़क दुघर्टना में चले जाने से हर कोई स्तब्ध था।
सड़क दुघर्टना में दोनों कारोबारियों के देहावसान की गांव में सूचना मिलने के बाद सवेरे से ही अन्य व्यापारियों व छोटे मोटे व्यवसायियों ने भी अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। पूरे दिन गांव में गमगीन माहौल रहा।
इंतजार करते रहे लोग शाम 5 बजे देह पंचतत्व में हुई विलीन
7 फरवरी को शाम करीब 9 बजे हुई भयावह दुर्घटना के बाद निकट के लोगों ने घायलों को एंबुलेंस से बालोतरा सरकारी अस्पताल पहुंचाया। जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उस उपरांत अन्य तरह की सरकारी कार्यवाहियों के चलते दोनों के शव दूसरे दिन 8 फरवरी को करीब 3 बजे पादरू पहुंच पाये। ऐसे में परिवार के लोगों, इनके रिश्तेदारों सहित गांव के लोग सवेरे से शव आने तक इंतजार करते रहे। करीब दोपहर 3 बजे दोनों के शव पहुंचने के बाद शाम 4 बजे अंतिम यात्रा निकली और शाम 5 बजे दोनों पंचतत्व में विलीन हो गए।
चाचा-भतीजा पादरू श्रीयादे माता मंदिर ट्रस्ट में थे कार्यकारी सदस्य
पादरू में प्रजापत समाज 12 खेड़ा का श्रीयादे माता मंदिर हैं। यहां मंदिर ट्रस्ट के मुख्य कार्यकारी सदस्य थे दोनों चाचा-भतीजा। दोनों सेवाभावी थे मंदिर ट्रस्ट की पूरी व्यवस्था संभालने व ट्रस्ट के अन्यत्र कार्यों में भी हमेशा आगे रहते थे।
प्रसिद्ध बाबा रामदेव मेला पंऊ में भी दिखा मेले का फिका रंग
हमेशा की तरह माघ शुक्ला एकादशी को पादरू कस्बे के निकट पंऊ गांव में प्रसिद्ध बाबा रामदेव जी का मेला भरता है। ऐसे में अल सवेरे क्षेत्र में इस सड़क दुघर्टना की खबर फैलने से पादरू सहित आसपास क्षेत्र का काफी जन समुदाय गमगीन माहौल के चलते मेले में नहीं पहुंचे। ऐसे में मेले का रंग दिखा फिका।