INB एजेंसी रिपोर्ट। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारत में ज्ञान के प्राचीन केंद्रों को पुनर्जीवित करने के महत्व पर जोर दिया है। मुंबई में के.पी.बी. हिंदुजा कॉलेज ऑफ कॉमर्स के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों जैसे ओदंतपुरी, तक्षशिला, विक्रमशिला, सोमपुरा, नालंदा और वल्लभी का उल्लेख किया, जहां कभी दुनिया भर से विद्वान ज्ञान लेने और देने के लिए आते थे।
धनखड़ ने इन प्रसिद्ध संस्थानों के पतन को सदियों के ज्ञान का व्यवस्थित रूप से विलुप्त होना करार दिया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि कॉर्पोरेट जगत को शिक्षा में निवेश को परोपकार से आगे बढ़कर देखना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह के निवेश से वर्तमान और भविष्य के साथ-साथ देश में उद्योग, व्यवसाय और व्यापार का विकास भी होता है।
देश में बुनियादी ढांचे के विकास, डिजिटलीकरण और तकनीकी उन्नति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इनके चलते भारत को आज दुनिया में सबसे अधिक आकांक्षी राष्ट्र के रूप में पहचान मिली है।
