INB एजेंसी रिपोर्ट। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि देश का अनुसंधान और विकास खर्च पिछले दशक में दोगुना हो गया है। यह वर्ष 2013-14 में साठ हजार करोड़ रुपए से अधिक बढ़कर एक लाख 27 हजार करोड़ रुपये हो गया है। नई दिल्ली में दिशा कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम देश की ज्ञान अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाएगा और आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करेगा।
डॉ. सिंह ने देश को डीप-टैक नवाचार और व्यावसायीकरण में वैश्विक नेतृत्व के रूप में स्थापित करने की सरकार की बहु-आयामी रणनीति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यांत्रिक मेधा, बायोटेक्नोलॉजी और क्वांटम कंप्यूटिंग में घरेलू नवाचार देश के आर्थिक भविष्य को आकार देंगे।
यांत्रिक मेधा और मानव विशेषज्ञता के बीच संतुलन की आवश्यकता पर बल देते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि यांत्रिक मेधा की भूमिका मानव बुद्धि को पूरक बनाना है न कि उसे प्रतिस्थापित करना।
केन्द्रीय मंत्री ने युवा नवप्रवर्तकों से देश के तकनीकी भविष्य को आकार देने में अग्रणी भूमिका निभाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से उन्नत भारत के निर्माण का दायित्व अगली पीढ़ी पर है।