जालोर। निकटवर्ती सायला उपखंड के बावतरा ग्राम स्थित दहिया वंश की कुलदेवी कैवाय माता मंदिर परिसर में दहिया राजवंश के प्रतापी शासक राणा चच्चदेव दहिया की जन्म जयंती केसरियामय समारोह पूर्वक मनाई गई।
हाइलाइट्स
- नागौर, परबतसर परगने के प्रतापी राजा थे राणा चच्चदेव।
- सायला से बावतरा तक निकाली वाहन रैली।
- मॉं कैवाय माता मंदिर परिसर में आयोजित हुआ जयंती समारोह।

नागौर, परबतसर परगने के प्रतापी राजा थे राणा चच्चदेव।
राणा चच्चदेव दहिया परबतसर परगना के 31 वे शासक थे। इनका जन्म 04 मार्च 967 ईस्वी में हुआ था। इन्होंने किनसरिया गांव में ऊंची पहाड़ी पर दहिया कुल की कुलदेवी कैवाय माता के मंदिर का निर्माण 21 अप्रैल 999 ईस्वी ( अक्षय तृतीया 1056 विक्रम संवत) को करवाया। ये इस कुल के प्रतापी शासक थे। इनका देहावसान 09 जुलाई 1015 ईस्वी में हुआ।

सायला से बावतरा तक निकाली विशाल वाहन रैली।
क्षत्रियों ने केसरिया साफे में सायला से बावतरा तक भव्य वाहन रैली निकालकर स्वाभिमान व क्षत्रिय अनुशासन का परिचय दिया। रैली आगे जीप पर राणा चच्चदेव की तस्वीर के केसरिया साफा पहनें युवक नजर आए, वहीं जीप के पिछे बाइक पर सभी केसरिया साफे में देखे गए। ऐसा मनमोहक विहंगम दृश्य देखकर सभी को इतिहास की झांकी सा प्रतीत हुआ।

मॉं कैवाय माता मंदिर परिसर में आयोजित हुआ जयंती समारोह।
क्षत्रिय केसरिया रैली के रूप में कैवाय माता मंदिर पहुंचे और मंदिर परिसर में राणा चच्चदेव जयंती का मुख्य कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें श्री क्षत्रिय युवक संघ के अर्जुन सिंह देलदरी, टीकम सिंह राणावत आदि कई गणमान्य वक्ताओं ने क्षत्रियों के इतिहास, वर्तमान व भविष्य को लेकर अपने विचार रखे। देलदरी ने क्षेत्र में संघ के शिविर लगाने की बात कही, वहीं राणावत ने शिक्षा की आवश्यकता पर काम करने की नसीहत दी।