बालोतरा। दरअसल सिवाना तहसील के पादरू गांव में हरी सिंह पिता देवीसिंह धवेचा के यहां 14 फरवरी को बेटी की शादी थी। जोधपुर जिले के पिपरली गांव के छोटु सिंह पिता जयसिंह चौहान अपने बेटे ओमपाल सिंह चौहान की बारात लेकर पादरू पहुंचे।
प्रायः समाज में नशा, टिका आदि कई तरह की कुरितियां देखी जाती है। पादरू में आयोजित हुए इस शादी समारोह में कुछ अनोखा ही देखने को मिला।
हेडलाइन्स
- दुल्हे के पिता छोटु सिंह ने लौटाई टीके की राशि
- शादी समारोह रहा पूर्णतः नशामुक्त
- पादरू राजपूत समाज में अफीम-डोडा पर है पहले से प्रतिबंध

दुल्हे के पिता छोटु सिंह ने लौटाई टीके की राशि
बारात स्वागत की रस्म के समय आयोजित बैठक में बेटी के पिता हरी सिंह ने 2 लाख 21 हजार रूपए ससम्मान दुल्हे को टिका दस्तुर के रूप में समर्पित किए, जो कि दुल्हे ओमपाल सिंह के पिता छोटु सिंह चौहान ने पुनः ससम्मान वापस लौटा दिए। प्रायः राजपूत समाज में देखा जाता है कि टिका दस्तुर की राशि को बड़ी शान से अपने पोकेट में डाल देते हैं लेकिन चौहान परिवार ने राशि वापस लौटा कर पैसे को नहीं रिश्ते को महत्व देने की बात कही।
शादी समारोह रहा पूर्णतः नशामुक्त
प्रायः राजपूत समाज में रात्रिकालीन भोजन के समय शराब जैसी भयंकर कुरिति का प्रचलन देखा जाता है लेकिन इस शादी में कुछ अनोखा देखने को मिला। दुल्हे के पिता छोटु सिंह चौहान ने बेटी के परिवार को पहले से शराब की व्यवस्था नहीं करने का निर्देश दिया था ऐसे में सभी ने इस तरह की नई पहल को देखकर आश्चर्य किया। लगभग 10.30 बजे तक सभी बाराती भोजन करके सो गए थे जोकि अमुमन नशे की कुरितियों के चलते ऐसा होता नहीं है, इसलिए सभी को अनोखा नजारा लगा। समाज में नशा मुक्ति मिशन के समर्थकों ने दोनों पक्षों द्वारा इस तरह की पहल की सराहना की।
पादरू राजपूत समाज में अफीम-डोडा पर है पहले से प्रतिबंध
पादरू में राजपूत समाज में पीछले एक दशक से किसी भी शुभ-अशुभ मौके पर अफीम-डोडा आदि मादक पदार्थ पूर्णतः बंद है। ऐसे में ऊपर से शराब बंदी लगाकर इस शादी समारोह को पूर्णतः नशामुक्त बना दिया।
Report – Ashok Singh