INB एजेंसी रिपोर्ट। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी के अशोक विहार में झुग्गी बस्तियों के निवासियों के लिए लगभग एक हजार सात सौ नवनिर्मित फ्लैटों का उद्घाटन किया और पात्र लाभार्थियों को चाबियां सौंपीं। श्री मोदी ने फ्लैटों के लाभार्थियों से बातचीत भी की और नए आवंटित फ्लैटों का निरीक्षण किया। इन नवनिर्मित फ्लैटों के उद्घाटन के साथ ही दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा अपने मूल स्थान पर -इन सीटू स्लम पुनर्वास परियोजना का दूसरा चरण पूरा हो जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य झुग्गी बस्तियों के निवासियों को उचित सुख-सुविधाओं से युक्त बेहतर और स्वस्थ रहने का माहौल प्रदान करना है।
इस अवसर पर, प्रधानमंत्री मोदी ने दो शहरी पुनर्विकास परियोजनाओं- नौरोजी नगर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और सरोजिनी नगर में जनरल पूल आवासीय आवास टाइप-II क्वार्टर का भी उद्घाटन किया। जीपीआरए क्वार्टर में 28 टावर शामिल हैं, जिनमें दो हजार पांच सौ से अधिक आवासीय इकाइयां हैं। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर ने 600 से अधिक जीर्ण-शीर्ण मकानों को अत्याधुनिक वाणिज्यिक टावरों से बदलकर क्षेत्र का रंगरूप बदल दिया है। प्रधानमंत्री ने द्वारका में लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के एकीकृत कार्यालय परिसर का भी उद्घाटन किया। इसमें कार्यालय, ऑडिटोरियम, उन्नत डेटा सेंटर, व्यापक जल प्रबंधन प्रणाली आदि शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने दिल्ली विश्वविद्यालय में 600 करोड़ रुपये से अधिक की तीन नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी उन्होंने पूर्वी दिल्ली के सूरजमल विहार में पूर्वी परिसर में अकादमिक ब्लॉक और द्वारका में पश्चिमी परिसर में अकादमिक ब्लॉक की आधारशिला रखी। श्री मोदी ने नजफगढ़ के रोशनपुरा में वीर सावरकर कॉलेज की आधारशिला भी रखी।

बाद में लोगों को संबोधित करते हुए सभी को नववर्ष 2025 की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि यह वर्ष भारत के लिए वैश्विक मंचों पर नई उपलब्ध्यिों का वर्ष होगा। श्री मोदी ने कहा कि देश विश्व की तीसरी सबसे बडी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने झुग्गी झोपड़ी के स्थान पर पक्के आवास के निर्माण के लिए अभियान शुरू किया है।
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की आलोचना करते हुए श्री मोदी ने कहा कि सरकार जनता को पानी और सीवर सुविधाएं उपलब्ध कराने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि दिल्ली सरकार केन्द्र की आयुष्मान भारत योजना को लागू नहीं कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पिछले दस वर्षों में शिक्षा को बहुत नुकसान पहुंचाया है और उसने केन्द्र के दिये गये समग्र शिक्षा फंड का 50 प्रतिशत हिस्सा भी शिक्षा पर खर्च नहीं किया।