केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल एक कार्यक्रम के दौरान महान संत शिरोमणि मीरा बाई को लेकर दिये गये निम्न स्तर के आपत्तिजनक बयान के बाद विवादों में आ गये है। लोग सोशल मीडिया पर जम कर केंद्रित मंत्री को ट्रोल कर रहे हैं। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास, पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व विधायक संयम लोढ़ा सहित कई नेताओं ने अमर्यादित बयान को लेकर केंद्रीय मंत्री पर किया हमला।

जयपुर। मीराबाई के विषय में आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने बाबत आज केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने की श्री क्षत्रिय युवक संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक एवं प्रताप फाउण्डेशन के संयोजक महावीर सिंह सरवड़ी से बात।
सरवड़ी ने उन्हें स्पष्ट कह दिया कि भाषण की पृष्ठभूमि चाहे जो भी रही हो, इतिहास और समाज की परंपराओं की पूर्ण जानकारी के बिना मीराबाई पर देवर के साथ विवाह करने का दबाव बनाने की केंद्रीय मंत्री की टिप्पणी तथ्यहीन, गैरजरूरी एवं अपमानजनक है, समाज में इस बेबुनियाद एवं अमर्यादित टिप्पणी को लेकर भारी आक्रोश है। इसके लिए उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।

फाइल फोटो -श्री क्षत्रिय युवक संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक महावीर सिंह सरवड़ी।

जानें क्या था केंद्रीय मंत्री का बयान

दरअसल, सीकर में स्वामी दयानन्द सरस्वती के जन्म शताब्दी वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के तौर पर शामिल रहे केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने अपने संबोधन में मीरा बाई के प्रसंग सुनाते हुए कहा कि मीरा बाई की शादी के एक वर्ष बाद उनके पति खानवा के युद्ध में मारे गए, फिर उनके देवर रतन सिंह राणा बने और रतन सिंह ने मीरा बाई पर खुद से शादी के लिए दबाव बनाकर तंग करने लगे, ऐसी बातों को इतिहास में दर्ज नहीं किया गया। हम इतिहास में संशोधन करेंगे। केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम के इस वक्तव्य से मीराबाई के भक्तों एवं समस्त क्षत्रिय समाज में गहरा आक्रोश उत्पन्न हो गया

जानें क्यों हो रहा है केंद्रीय मंत्री के बयान का देशभर में विरोध

क्षत्रिय समाज की सदियों से अपनी अलग उच्च मर्यादा एवं अनूठी संस्कृति रही हैं क्षत्रिय समाज में देवर-भाभी के रिश्ते को मां-बेटे के रिश्ते का दर्जा है,  हालांकि सम्पूर्ण सनातन संस्कृति में आज इक्कीसवीं शताब्दी में भी देवर भाभी के रिश्ते को मां बेटे का स्वरूप माना जाता है जबकि सोलहवीं शताब्दी में तो कितनी उच्च मर्यादाएं व नैतिक मापदंड हुआ करते थे। स्वयं राणा रतन सिंह मीराबाई को मां के बराबर सम्मान देते थे जो तत्कालीन इतिहास व साहित्य में अंकित है। केंद्रीय मंत्री का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने से सम्पूर्ण मीरां बाई के भक्तों एवं क्षत्रिय समाज में इस वक्तव्य पर भारी नाराजगी एवं आक्रोश देखने को मिल रहा हैं।

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