INB एजेंसी रिपोर्ट। भारत विश्व स्तरीय एआई अवसंरचना, स्टार्ट्प और नवोन्‍मेषकों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठा रहा है। इंडिया ए आई मिशन और ए आई के लिए उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना जैसी पहल देश के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत कर रही है, जिससे नवाचार और आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।

ये प्रयास 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं, जिसमें आर्थिक विकास, शासन और सामाजिक प्रगति के लिए अत्याधुनिक तकनीक का लाभ उठाया जाएगा। वर्ष 2024 में इंडिया ए आई मिशन की स्वीकृति के साथ, सरकार ने ए आई क्षमताओं को मजबूत करने के लिए पाँच वर्षों में 10 हजार तीन सौ करोड़ रुपये आवंटित किए।

इस मिशन का एक प्रमुख फोकस 18 हजार 693 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स से लैस एक उच्च-स्तरीय सामान्य कंप्यूटिंग सुविधा का विकास करना है, जो इसे वैश्विक स्तर पर सबसे व्यापक ए आई कंप्यूट अवसंरचनाओं में से एक बनाता है। सरकार ने जीपीयू की आपूर्ति के लिए 10 कंपनियों का चयन किया है, जिससे एक मजबूत और विविध आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित होगी।

भारत अगले तीन से पांच वर्षों के भीतर अपना खुद का जीपीयू विकसित करने का लक्ष्य बना रहा है, जिससे आयातित तकनीक पर निर्भरता कम होगी। देश सेमीकंडक्टर निर्माण को भी आगे बढ़ा रहा है, जिसमें पांच सेमीकंडक्टर संयंत्र निर्माणाधीन हैं।

ए आई विकास में डेटा के महत्व को पहचानते हुए, मोदी सरकार ने उच्च गुणवत्ता वाले डेटासेट तक सहज पहुँच प्रदान करने के लिए इंडिया ए आई डेटासेट प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च किया है। सरकार ने नई दिल्ली में स्‍वास्‍थ्‍य, कृषि और सतत् शहरों में तीन ए आई उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए हैं। इस वर्ष के बजट में, सरकार ने 500 करोड़ रुपये के व्यय के साथ शिक्षा में ए आई के लिए एक नए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की घोषणा की।

सरकार देश के अपने आधारभूत मॉडल के विकास की सुविधा प्रदान कर रही है, जिसमें बड़े भाषा मॉडल और भारतीय आवश्यकताओं के अनुरूप समस्या-विशिष्ट ए आई समाधान शामिल हैं। दुनिया की पहली सरकारी वित्त पोषित मल्टीमॉडल एल एल एम पहल, भारत जेन, पिछले साल दिल्ली में शुरू की गई थी।

इसका उद्देश्य भाषा, भाषण और कंप्यूटर विज़न में आधारभूत मॉडल के माध्यम से सार्वजनिक सेवा वितरण और नागरिक संपर्क को बढ़ाना है। व्हीबॉक्स द्वारा इंडिया स्किल्स रिपोर्ट 2024 का अनुमान है कि देश का ए आई उद्योग 2025 तक 28 दशमलव 8 अरब अमरीकी डॉलर तक पहुँच जाएगा, जिसकी वार्षिक वृद्धि दर 45 प्रतिशत होगी।

ए आई-कुशल कार्यबल ने 2016 से 2023 तक भारी वृद्धि देखी है, जिससे भारत सिंगापुर, फ़िनलैंड, आयरलैंड और कनाडा के साथ शीर्ष पाँच सबसे तेज़ी से बढ़ते ए आई प्रतिभा केंद्रों में से एक बन गया है।

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