जयपुर-अजमेर हाईवे पर शुक्रवार को हुए हादसे में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। एलपीजी भरे टैंकर से एक ट्रक की टक्कर के बाद भीषण आग लग गई और करीब 40 वाहन और दर्जनों लोग..

INB एजेंसी, रिपोर्ट। जयपुर-अजमेर हाईवे पर शुक्रवार सुबह करीब 5:30 बजे जैसे ज्वालामुखी ही फट पड़ा। भांकरोटा में हुए इस भीषण अग्निकांड में 14 लोगों की मौत हो चुकी है। एलपीजी भरे टैंकर से एक ट्रक की टक्कर के बाद भीषण आग लग गई और करीब 40 वाहन और दर्जनों लोग इसकी चपेट में आ गए। हालांकि, टैंकर का ड्राइवर पूरी तरह से सुरक्षित बच निकलने में कामयाब रहा। वह पुलिस के सामने हाजिर हो चुका है। अब इस घटना की जांच के लिए बनी विशेष जांच दल (SIT) अब उससे पूछताछ करेगी।

ट्रक से टक्कर के बाद टैंकर का नोजल क्षतिग्रस्त हो गया। इससे एलपीजी गैस टैंकर से बाहर निकलने लगा और भीषण आग लग गई। अचानक 30 से ज्यादा वाहन एक साथ जल उठे। बस, कार, बाइक और कई ट्रकों में आग लगने से कई लोग जिंदा जल गए। हालांकि, टैंकर के चालक जयवीर (40) को किसी तरह का जख्म नहीं आया। उत्तर प्रदेश के मथुरा के रहने वाले जयवीर ने असल में टक्कर के बाद यह भांप लिया कि नोजल टूट गया है। इसके बाद आग लगने से पहले ही वह कूदकर भाग गया।

पुलिस के मुताबिक, जयवीर को जैसे ही पता चला कि नोजल टूट गया है वह तेजी से निकलकर वहां से भाग गया। वह जानता था कि गैस लीक की वजह से वहां आग लगने वाली है। जिस दिशा में गैस निकल रही थी वह उसके विपरीत भागा। डीसीपी वेस्ट अमित कुमार ने पीटीआई से कहा, ‘हम तुरंत टैंकर के ड्राइवर को दोष नहीं दे सकते हैं, क्योंकि कंटेनर ट्रक ने वाहन में टक्कर मारी थी। उसने देखा कि टैंकर का नोजल टूट गया है और अहसास हो गया कि धमाका हो सकता है क्योंकि दूसरे चालक अपने वाहनों के इग्निशन ऑन कर रहे थे। इसलिए वह अपनी जान बचाने को भाग गया।’

जिस कंटेनर ने टक्कर मारी थी उसके चालक की धमाके में मौत हो गई। डीसीपी ने बताया कि जयवीर उन 9 चालकों में से एक है जो घटना के वक्त वहां मौजूद थे पर जान बचाकर भागने में कामयाब रहे। घटना में कई लोगों की दर्दनाक मौत हो गई व दो दर्जन से अधिक लोग जख्मी हुए। 23 लोगों का अब भी सवाई मान सिंह अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस ने बीएनएस की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।

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