मीराबाई के भक्तों एवं क्षत्रिय समाज ने जताया ऐतराज, कहां मंत्री माफी मांगे।
बालोतरा। बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर दिये गये विवादों में फंसे गृहमंत्री अमित शाह के बाद अब केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल भी महान संत शिरोमणि मीरा बाई को लेकर दिये गये निम्न स्तर के आपत्तिजनक बयानों के बाद विवादों में आ गये है। दरअसल, सीकर में स्वामी दयानन्द सरस्वती के जन्म शताब्दी वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के तौर पर शामिल रहे केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने अपने संबोधन में मीरा बाई के प्रसंग सुनाते हुए कहा कि मीरा बाई की शादी के एक वर्ष बाद उनके पति खानवा के युद्ध में मारे गए, फिर उनके देवर रतन सिंह राणा बने और रतन सिंह ने मीरा बाई पर खुद से शादी के लिए दबाव बनाकर तंग करने लगे, ऐसी बातों को इतिहास में दर्ज नहीं किया गया। हम इतिहास में संशोधन करेंगे। ऐसा बोलकर उन्होंने स्वामी सुमेधानंद से भी सहमति ली है। केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम के इस वक्तव्य से मीराबाई के भक्तों में गहरा रोष व्याप्त हो गया है क्योंकि क्षत्रिय समाज में आज इक्कीसवीं शताब्दी में भी देवर भाभी के रिश्ते को मां बेटे का स्वरूप माना जाता है जबकि सोलहवीं शताब्दी में तो कितने उच्च मर्यादाएं व नैतिक मापदंड हुआ करते थे। स्वयं राणा रतन सिंह मीराबाई को मां के बराबर सम्मान देते थे जो तत्कालीन इतिहास व साहित्य में अंकित है। केंद्रीय मंत्री का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने से सम्पूर्ण मीरां बाई के भक्तों एवं क्षत्रिय समाज में इस वक्तव्य पर भारी नाराजगी देखने को मिल रही हैं लोग सोशल मीडिया पर केंद्रित मंत्री को ट्रोल कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री मेघवाल के ऐसे वक्तव्य पर समाजसेवी चन्दन सिंह चान्देसरा ने गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि उनका यह वक्तव्य अनुचित एवं खेदपूर्ण है, इतिहास से परे मनगढ़ंत है। इससे महान संत मीरा बाई में आस्था रखने वाले भक्तों की आत्मा आहत हुई है। मीराबाई के भक्तों सहित समस्त क्षत्रिय समाज इस वक्तव्य के लिये केन्द्रीय मंत्री का पुरजोर विरोध करता है। वे इस बयान पर खेद प्रकट करें अन्यथा आक्रोशित मीरां बाई के भक्तगण एवं क्षत्रिय युवा छत्तीस कौम को साथ लेकर कोई बड़ा निर्णय करेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की होगी।