INB एजेंसी रिपोर्ट। सर्वोच्च न्यायालय ने भारत में डॉक्टरों की भारी कमी को देखते हुए, चिकित्सा परिषद समिति को निर्देश दिया है कि वह राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-नीट स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए रिक्त मेडिकल सीटों को भरने के लिए काउंसलिंग का विशेष दौर आयोजित करे।
साथ ही न्यायमूर्ति बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि अनिवासी भारतीयों की रिक्त सीटों को भी सामान्य श्रेणी कोटे में परिवर्तित किया जाए और उन्हें राज्य प्रवेश प्राधिकरणों के माध्यम से भरा जाना चाहिए। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि जब देश डॉक्टरों की भारी कमी का सामना कर रहा है, तो कीमती मेडिकल सीटें बर्बाद नहीं होनी चाहिए।
प्रवेश अधिकारियों को खाली सीटों के लिए एक नई कभी-कभी या विशेष काउंसलिंग आयोजित करने और किसी भी स्थिति में 30 दिसंबर से पहले प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया है।

पीठ ने आगे निर्देश दिया कि किसी भी महाविदयालय को विदयार्थियों को सीधे प्रवेश देने की अनुमति नहीं दी जाएगी और प्रवेश केवल राज्य प्रवेश प्राधिकरणों के माध्यम से आयोजित किया जाना चाहिए।
इसने यह भी स्पष्ट किया कि विशेष प्रवेश प्रक्रिया से प्रवेश बाधित नहीं होना चाहिए और प्रवेश केवल प्रतीक्षा सूची वाले उम्मीदवारों से ही किया जाए।